भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की पूर्व अधिकारी पूजा सिंघल को 28 महीनों बाद बड़ी राहत मिली है।झारखंड की PMLA कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मई 2022 में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें दो-दो लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है।
पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाला और मनी लॉनडरिंग केस में मिली है जमानत

जानकारी के लिए बता दें की पूजा सिंघल को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 11 मई 2022 को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन्हें मनरेगा घोटाले से जुड़े आरोपों में भी गिरफ्तार किया गया था पूजा सिंघल की ओर से नए कानून भारतीय न्याय सहिंता का हवाला देते हुए जमानत की अर्जी दी गई थी जिसे मंजूर कर ली गई । इस कानून के तहत, यदि किसी आरोपी ने लंबे समय तक न्यायिक हिरासत में बिताया हो और उस मामले में दी जाने वाली सजा का एक तिहाई समय वह जेल में बिता चुका हो, तो उसे जमानत मिल सकती है।
जमानत का विरोध करते हुए ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा

पूजा सिंघल हिरासत अवधि में से वह अधिकतर समय अस्पताल में बिता चुकी हैं। उन्होंने ने अदालत को बताया कि मामले में हिरासत में बिताए गए 687 दिन में से सिंघल 481 दिन अस्पताल में रही हैं। पीठ ने पूर्व IAS पूजा सिंघल की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल से कहा कि ‘‘आपके मुवक्किल के खिलाफ आरोप बहुत गंभीर हैं। जब्त की गई रकम भी भारी भरकम है।’’
कोर्ट ने कहा, ‘‘यह कोई आम साधारण मामला नहीं बल्कि गंभीर भ्रस्टाचार का मामला है। अगर यह सामान्य मामला होता तो हम आपको जमानत दे देते।’’ अग्रवाल ने कहा कि रांची में बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं, जहां सिंघल न्यायिक हिरासत में रही हैं।
फिलवक़्त पूजा सिंघल के लिए राहत की बात यह है कि शनिवार को अदालत के फैसले का मतलब है कि उनकी रिहाई जल्द ही होने वाली है। रिहाई के लिए उनकी याचिका हिरासत अवधि के संबंध में नए कानून पर आधारित थी।
https://indiafirst.news/pooja-singhal-got-bail-from-the-court
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