Pope Francis Death : वेटिकन सिटी ने पुष्टि की है कि कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार, 21 अप्रैल 2025 को 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। ईस्टर मंडे की सुबह स्थानीय समयानुसार 7:35 बजे (भारतीय समय 11:05 बजे) वेटिकन के कासा सैंटा मार्ता निवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
पिछले कुछ महीनों से पोप फ्रांसिस स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं से जूझ रहे थे। फरवरी 2025 में उन्हें ब्रोंकाइटिस के चलते रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बाद में उनकी स्थिति डबल निमोनिया में बदल गई। वेटिकन की ओर से जारी बयान के अनुसार, तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद पोप का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया। मार्च के अंत में उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दी गई थी, लेकिन लंबे समय तक चली बीमारी ने आखिरकार उनका जीवन छीन लिया।
दुनिया भर में शोक की लहर
पोप फ्रांसिस का निधन न केवल कैथोलिक ईसाइयों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गहरी क्षति है। मानवता, शांति और सामाजिक न्याय के लिए उनके संदेश ने विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के बीच पुल बनाने का कार्य किया। उनके निधन की खबर फैलते ही दुनिया भर के चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जा रही हैं।
पहल के प्रतीक रहे पोप फ्रांसिस
17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में जन्मे जॉर्ज मारियो बेर्गोलियो, 2013 में पोप बनने वाले पहले गैर-यूरोपीय और पहले जेसुइट पोप बने। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने चर्च को अधिक समावेशी और सामाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाने का प्रयास किया। जलवायु परिवर्तन पर ‘लौदातो सी’ एनसाइक्लिकल के जरिए उन्होंने वैश्विक नेताओं का ध्यान पर्यावरण संकट की ओर खींचा।
पोप फ्रांसिस ने प्रवासियों के अधिकारों, गरीबी उन्मूलन और धार्मिक सहिष्णुता के पक्ष में मजबूत आवाज उठाई। हालांकि, समलैंगिक समुदाय के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रुख और वेटिकन की वित्तीय पारदर्शिता में सुधारों को लेकर उन्हें रूढ़िवादी वर्गों से आलोचना भी झेलनी पड़ी। इसके बावजूद, उनकी विनम्रता और मानवीय दृष्टिकोण ने उन्हें दुनिया भर में लोकप्रिय बना दिया।
अब नए पोप के चयन की तैयारी
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद वेटिकन में कॉन्क्लेव बुलाया जाएगा, जहां 80 वर्ष से कम आयु के कार्डिनल नए पोप का चयन करेंगे। फ्रांसिस ने अपने कार्यकाल के दौरान कई नए कार्डिनल नियुक्त किए थे, जो उनकी प्रगतिशील सोच के समर्थक माने जाते हैं। कॉन्क्लेव की तारीख की घोषणा जल्द ही किए जाने की संभावना है। इस दौरान कार्डिनल केविन फैरेल वेटिकन के अंतरिम प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
विश्व संकट के बीच आई दुखद खबर
यह दुखद समाचार ऐसे समय में आया है जब दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व में तनाव और जलवायु संकट जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रही है। पोप फ्रांसिस हाल ही में, ईस्टर संडे पर सार्वजनिक रूप से प्रकट हुए थे, जहां उन्होंने गाजा, यूक्रेन, कांगो और म्यांमार जैसे संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में शांति की अपील की थी।
उनका अंतिम संदेश दुनिया को एक बार फिर शांति, करुणा और एकता की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।
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