IndiaFirst.News पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा प्रक्रिया में हो रही देरी और अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की घटना ने प्रदेश में हलचल मचा दी है। इस घटना पर अब जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
प्रशांत किशोर ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन बताते हुए कहा, “युवाओं पर लाठीचार्ज करना न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह बिहार सरकार की विफलता को भी उजागर करता है। नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे युवाओं को प्रोत्साहित करने के बजाय उन्हें दबाने की कोशिश की जा रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”

प्रशांत किशोर ने सरकार पर साधा निशाना
प्रशांत किशोर ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर क्यों बिहार सरकार समय पर परीक्षा और नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने में नाकाम हो रही है। उन्होंने कहा, “आज का युवा अपनी काबिलियत के दम पर देश को आगे बढ़ाने का सपना देखता है। लेकिन बिहार में युवाओं को अनिश्चितता, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अक्षमता का सामना करना पड़ता है।”

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की निंदनीय घटना
पटना में हुए इस प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शांतिपूर्वक अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया, जिससे कई अभ्यर्थी घायल हो गए। इस घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिसके बाद सरकार की आलोचना तेज हो गई।
युवाओं के प्रति जन-सूराज का समर्थन
प्रशांत किशोर ने प्रदर्शनकारी युवाओं के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करते हुए कहा कि “युवाओं की आवाज को दबाने से उनकी समस्याएं खत्म नहीं होंगी। सरकार को चाहिए कि वह उनकी मांगों पर ध्यान दे और समस्या का समाधान निकाले।”

समाज के लिए गहरा संदेश दे गया यह घटना
इस घटना ने बिहार की शिक्षा और रोजगार व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि “अगर इस तरह की घटनाएं जारी रहीं, तो राज्य में प्रतिभाशाली युवाओं का पलायन और बढ़ेगा।” उन्होंने युवाओं से संयम और लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी बात रखने की अपील की।
घटना पर बिहार सरकार की प्रतिक्रिया ?
लाठीचार्ज की घटना के बाद बिहार सरकार पर दबाव बढ़ गया है। विपक्षी दल और समाज के विभिन्न वर्ग इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हालांकि, सरकार ने अब तक कोई ठोस बयान नहीं दिया है।
सवाल बनता है ?
क्या सरकार युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाएगी, या यह घटना भी अन्य विवादों की तरह केवल राजनीतिक बहस का हिस्सा बनकर रह जाएगी ? यह देखना अभी बाकी है।
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