नई दिल्ली/अहमदाबाद: कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी और नेताओं की कथित ‘मिलीभगत’ को लेकर राहुल गांधी ने कड़ी नाराजगी जताई है। गुजरात दौरे पर पहुंचे कांग्रेस नेता ने पार्टी में मौजूद असंतोष पर खुलकर हमला बोला और यहां तक कह दिया कि कांग्रेस के कई नेता बीजेपी से मिले हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए कि अगर पार्टी को बचाना है, तो 10, 15, 20 या 30 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाना पड़े, तो संकोच नहीं करना चाहिए।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद पार्टी के भीतर खलबली मच गई है। कांग्रेस में गुटबाजी और असंतोष को लेकर समय-समय पर चर्चाएं होती रही हैं, लेकिन पहली बार राहुल गांधी ने सार्वजनिक मंच से इतनी बेबाकी दिखाई है।
‘कांग्रेस रेस के घोड़े को बारात में डाल देती है’
राहुल गांधी ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर कटाक्ष करते हुए कहा, “हमारी पार्टी में बब्बर शेर बंधे हुए हैं, लेकिन उनके पीछे चेन लगी हुई है। कांग्रेस रेस के घोड़े को बारात में डाल देती है।” उनका यह बयान साफ इशारा करता है कि पार्टी के कई काबिल नेता संगठन की ढिलाई और अंदरूनी राजनीति के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
पार्टी असहज, प्रवक्ताओं को करनी पड़ी सफाई
राहुल गांधी के इस बयान पर कांग्रेस पार्टी की ओर से सफाई देने की कोशिश की गई। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “राहुल गांधी ने जो कुछ कहा है, वह उदयपुर अधिवेशन में तय किए गए कांग्रेस संगठन के विस्तार और बदलाव के एजेंडे के संदर्भ में कहा है।”
खेड़ा ने आगे कहा कि कांग्रेस गुजरात में पूरी मजबूती से लड़ने जा रही है और इसीलिए पार्टी ने अपना तीन दिवसीय अधिवेशन भी यहीं आयोजित किया है। उन्होंने राहुल गांधी के बयान को लेकर सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, “हमने यह बयान सुना नहीं है, लेकिन राहुल गांधी कुछ सोच-समझकर ही गुजरात गए हैं।”
गुजरात में मजबूती के लिए कांग्रेस का बड़ा दांव
गुजरात में कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति पिछले कुछ वर्षों में कमजोर हुई है, लेकिन पार्टी अब नई रणनीति पर काम कर रही है। राहुल गांधी की इस नाराजगी को कांग्रेस के भीतर सुधार की दिशा में एक कड़ा कदम माना जा रहा है। पार्टी अप्रैल में अहमदाबाद में बड़ा अधिवेशन करने जा रही है, जिससे साफ है कि गुजरात में कांग्रेस अपनी जड़ों को फिर से मजबूत करने का प्रयास कर रही है।
बीजेपी से ‘मिलीभगत’ के आरोपों पर बढ़ेगी हलचल?
राहुल गांधी का यह आरोप कि “कांग्रेस के आधे नेता बीजेपी से मिले हुए हैं,” एक गंभीर राजनीतिक संदेश देता है। इससे पार्टी के भीतर मंथन तेज हो सकता है और संभावित रूप से कुछ बड़े फैसले भी लिए जा सकते हैं।
क्या कांग्रेस में होगी ‘सफाई’?
राहुल गांधी का यह बयान संकेत देता है कि कांग्रेस नेतृत्व अब ‘सख्त कदम’ उठाने के मूड में है। अगर पार्टी के भीतर वाकई कुछ नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत के आरोप सही साबित होते हैं, तो आने वाले दिनों में कांग्रेस में बड़े फेरबदल देखने को मिल सकते हैं।
कांग्रेस में बगावत या बदलाव?
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस खुद को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश में है। राहुल गांधी की इस नाराजगी को अगर ठोस कदमों में बदला गया, तो कांग्रेस के भीतर एक बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकती है। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या पार्टी सच में ‘सफाई’ कर पाएगी या यह बयान भी महज चुनावी रणनीति तक ही सीमित रहेगा?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान इस बयान के बाद क्या ठोस कदम उठाता है और क्या पार्टी सच में ‘बगावत’ करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी या फिर यह केवल ‘राजनीतिक बयानबाजी’ बनकर रह जाएगा।
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