देशभर में रामनवमी का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। लेकिन त्योहार के इस उल्लास के बीच कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिहाज से पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। धार्मिक शोभायात्राओं और रैलियों को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। ड्रोन, CCTV और वीडियो कैमरों से निगरानी की जा रही है, साथ ही अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई है।
पश्चिम बंगाल में चुनावी साल में रामनवमी पर सियासी रंग
रामनवमी इस बार पश्चिम बंगाल में सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक रंग में भी रंगी दिख रही है। अगले साल प्रस्तावित विधानसभा चुनावों को देखते हुए न केवल बीजेपी बल्कि राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी इस बार शोभायात्राएं निकालने की घोषणा की है। शनिवार शाम से ही राज्य भर में पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम शुरू कर दिए थे।
कोलकाता में 20 से ज्यादा आईपीएस अधिकारियों को अलग-अलग जोनों की कमान सौंपी गई है। एंटाली, कोसीपोर, खिदरपुर और चितपोर जैसे इलाकों में त्वरित कार्रवाई दल (QRT) की गाड़ियां तैनात की गई हैं। कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार से सभी धार्मिक यात्राओं की निगरानी की जा रही है।
राज्य के अन्य संवेदनशील जिलों—हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, पश्चिम और पूर्व बर्धमान, मालदा, मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी में भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को विशेष निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है।
हावड़ा जिले के संकरैल इलाके में शनिवार को देवी सिंहबाहिनी के उपासकों द्वारा निकाली गई शोभायात्रा में सैकड़ों लोग तलवार और त्रिशूल जैसी प्रतीकात्मक वस्तुएं लिए नजर आए। राज्य में परंपरागत रूप से इस दिन अन्नपूर्णा पूजा भी मनाई जाती है, लेकिन इस बार रामनवमी की रैलियों ने मुख्यधारा का ध्यान खींचा है।
झारखंड में ड्रोन और 650 CCTV कैमरों से निगरानी
झारखंड में भी रामनवमी के मद्देनजर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। राज्य की राजधानी रांची समेत जमशेदपुर, हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जैसे संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।
रांची के एडीएम (विधि व्यवस्था) राजेश्वर नाथ आलोक ने बताया कि राजधानी में 200 मजिस्ट्रेट और 2,000 से अधिक पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हैं। 650 से ज्यादा स्थानों पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं और 10 ड्रोन कैमरे लगातार निगरानी कर रहे हैं।
रांची समेत कई जिलों में शुक्रवार और शनिवार को ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित की गईं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। ट्रैफिक प्रबंधन, पेयजल, रोशनी और चिकित्सा शिविर जैसी व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की गई हैं।
बोकारो के उपायुक्त जाधव विजय नारायण राव ने बताया कि जिले में सभी जरूरी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं और पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी लगातार क्षेत्र का भ्रमण कर रहे हैं।
यूपी में भी पुलिस मुस्तैद
उत्तर प्रदेश में भी रामनवमी के मौके पर हाई अलर्ट घोषित किया गया है। प्रदेश के संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। खासतौर पर वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा, अयोध्या और मेरठ जैसे धार्मिक और संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी हो रही है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट समेत कई जिलों में शांति समिति की बैठकें कराई गई हैं और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को भी सक्रिय कर दिया गया है।
रामनवमी का यह पर्व जहां एक ओर धार्मिक आस्था का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर यह राज्य सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों के लिए कानून-व्यवस्था की बड़ी चुनौती भी बन गया है। बंगाल में इसकी राजनीतिक महत्ता बढ़ती जा रही है, जबकि झारखंड और यूपी में प्रशासन की प्राथमिकता शांति बनाए रखना है। उम्मीद है कि पर्व का यह दिन सौहार्द और भाईचारे के साथ सम्पन्न होगा।
https://indiafirst.news/ram-navami-security-alert-bengal-jharkhand-up
https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2119308®=3&lang=1
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