रांची। झारखंड की राजधानी रांची में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब वे बेखौफ होकर दिनदहाड़े हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देने लगे हैं। ताजा मामला भाजपा नेता अनिल महतो टाइगर की हत्या से जुड़ा है, जिनकी बुधवार को कांके चौक स्थित एक होटल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद से शहर में दहशत का माहौल है। भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
कैसे हुई वारदात?
जानकारी के अनुसार, भाजपा के रांची ग्रामीण जिला महामंत्री, रामनवमी समिति कांके के अध्यक्ष और पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल महतो टाइगर बुधवार शाम करीब 3:45 बजे कांके चौक स्थित ठाकुर होटल में बैठे थे। इसी दौरान बाइक सवार बदमाश आए और उन्हें सिर में गोली मारकर फरार हो गए। गोली की आवाज सुनते ही होटल में भगदड़ मच गई। स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद कांके पुलिस मौके पर पहुंची और अनिल महतो को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
रांची पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य शूटर को पिठोरिया इलाके से गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है कि हत्या के पीछे व्यक्तिगत रंजिश थी या यह कोई राजनीतिक षड्यंत्र था।
राजनीतिक गलियारों में हलचल, भाजपा ने बुलाया रांची बंद
अनिल महतो टाइगर की हत्या से झारखंड की राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने इस हत्या को सरकार की विफलता करार देते हुए गुरुवार, 27 मार्च को रांची बंद का ऐलान किया है। पार्टी नेताओं ने स्पष्ट किया है कि बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा और इससे जनता को किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा, “झारखंड में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। जब भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा की कल्पना भी नहीं की जा सकती।”
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ का हमला- ‘राजधानी में पुलिसिंग फेल’
भाजपा नेता और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने रांची की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हो चुके हैं। उन्होंने कहा, “राजधानी के बीचों-बीच भाजपा के एक वरिष्ठ नेता को गोली मार दी जाती है और अपराधी आराम से फरार हो जाते हैं। पुलिसिंग पूरी तरह फेल हो चुकी है।”
संजय सेठ ने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए 24 घंटे के अंदर अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यदि आम नागरिकों को सुरक्षा देने में नाकाम रहती है, तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
आजसू ने भी बुलाया बंद, सुदेश महतो ने की सीबीआई जांच की मांग
आजसू पार्टी ने भी इस हत्याकांड के विरोध में गुरुवार को रांची बंद का ऐलान किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने कहा कि झारखंड में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और अपराधियों का राज कायम हो गया है। उन्होंने कहा, “अनिल टाइगर कभी आजसू के जिलाध्यक्ष रहे थे और उनका सामाजिक दायरा काफी बड़ा था। उनकी हत्या सिर्फ भाजपा से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह पूरे झारखंड के लिए चिंता का विषय है।”
आजसू के मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि कांके थाना से थोड़ी दूरी पर इतनी बड़ी घटना होना यह दर्शाता है कि अपराधियों में पुलिस का कोई खौफ नहीं है। वरिष्ठ नेता प्रवीण प्रभाकर ने इस हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि यह हत्या एक गहरी साजिश का नतीजा हो सकती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का बयान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने अनिल महतो टाइगर की हत्या पर दुख व्यक्त किया और राज्य सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। हालांकि, उन्होंने भाजपा पर इस घटना को राजनीतिक रंग देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, “यह सच है कि अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जरूरत है, लेकिन भाजपा इसे राजनीतिक फायदे के लिए भुनाने की कोशिश कर रही है, जो शर्मनाक है।”
क्या कहती है पुलिस?

रांची पुलिस ने दावा किया है कि इस हत्याकांड में शामिल एक अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया है और अन्य की तलाश जारी है। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि यह मामला पुलिस की प्राथमिकता में है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हालांकि, पुलिस अब तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि हत्या की असली वजह क्या थी। क्या यह कोई राजनीतिक साजिश थी, या फिर कोई पुरानी रंजिश?
जनता में बढ़ा आक्रोश, व्यापारियों की भी चिंता
इस हत्याकांड के बाद रांची के स्थानीय व्यापारी भी सहमे हुए हैं। व्यापार महासंघ के अध्यक्ष ने कहा कि लगातार बढ़ती आपराधिक घटनाओं के कारण व्यापारी समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा, “यदि राजधानी में इस तरह से हत्या होती रहेगी, तो लोग कारोबार करने से डरेंगे। हमें सुरक्षा का भरोसा चाहिए।”
क्या होगा आगे?
अनिल महतो टाइगर की हत्या के बाद झारखंड की राजनीति में नया उबाल आ गया है। भाजपा और आजसू के रांची बंद के ऐलान के बाद शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। पुलिस किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सतर्क है।
अब सवाल यह है कि क्या राज्य सरकार इस हत्याकांड के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर पाएगी? क्या झारखंड की कानून-व्यवस्था सुधर पाएगी, या फिर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच जनता को ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा?
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