रांची: भाजपा नेता अनिल महतो उर्फ़ टाइगर की गोली मारकर हत्या के विरोध में झारखंड में उबाल देखने को मिला। गुरुवार को भाजपा के प्रदेशव्यापी बंद के आह्वान के बाद राज्यभर में जनजीवन प्रभावित हुआ। रांची समेत कई जिलों में सड़कों पर प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा दिखा। कई स्थानों पर टायर जलाकर रास्ते जाम किए गए, जिससे यातायात ठप हो गया।
विधानसभा में हंगामा, विपक्ष का सरकार पर हमला
झारखंड विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया। भाजपा विधायकों ने हेमंत सरकार पर राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल होने का आरोप लगाया। नाराज विधायकों ने सरकार को “हत्यारी सरकार” बताते हुए विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई और उसे 12:55 बजे तक स्थगित करना पड़ा।
राजधानी में प्रदर्शन, रांची की रफ्तार थमी
राजधानी रांची में झारखंड बंद का सबसे अधिक असर देखा गया। प्रमुख चौक-चौराहों—काठीटांड़, रातू चौक, ओरमांझी चौक, नेवारी विकास गोल चक्कर और पिस्का मोड़- पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़कें जाम कर दीं। लाल बहादुर शास्त्री चौक, अनगड़ा, गोंदलीपोखर और गेतलसूद में भी प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और बांस लगाकर रास्ते रोक दिए।
झारखंड प्रदेश सीएनजी ऑटो चालक महासंघ और रांची जिला ई-रिक्शा चालक यूनियन ने भी बंद का समर्थन किया, जिससे सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित रहीं। हालांकि, एंबुलेंस और परीक्षार्थियों को रास्ता दिया गया।
नेताओं की गिरफ्तारी और पुलिस का रुख
रांची धुर्वा बस स्टैंड पर भाजपा मंडल अध्यक्ष उमेश यादव और भाजपा नेता कामेश्वर सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया। वहीं, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ खुद सड़क पर उतरकर विरोध जताते नजर आए।
स्कूल-कॉलेज और बाजारों पर असर
बंद के चलते कई स्कूल बंद रहे, हालांकि बोर्ड परीक्षाएं प्रभावित नहीं हुईं। बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा। ऑटो और ई-रिक्शा की कम संख्या में आवाजाही से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
सरकार की चुप्पी पर सवाल
भाजपा नेताओं का आरोप है कि राज्य सरकार अपराधियों पर नियंत्रण करने में नाकाम रही है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
भाजपा की ओर से राज्य सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जा रही है। अनिल महतो टाइगर की हत्या ने झारखंड की राजनीति को गरमा दिया है, और आने वाले दिनों में इसका असर सियासी समीकरणों पर भी दिख सकता है।
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