रांची। झारखंड में गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। हाल ही में कोडरमा की एक संदिग्ध मरीज को रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) में भर्ती कराया गया है। इससे पहले मरीज का इलाज रांची के एक निजी अस्पताल में हो रहा था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण परिजनों को उसे सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा।
आर्थिक तंगी बनी चुनौती, स्वास्थ्य सचिव ने की मदद
मरीज के पास आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड या किसी अन्य प्रकार की आर्थिक सहायता का कोई साधन नहीं था। इलाज के लिए पैसे खत्म होने के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव से मदद की गुहार लगाई। सचिव के निर्देश पर रिम्स डायरेक्टर ने मरीज को भर्ती कराने का आदेश दिया, जिसके बाद उसका इलाज शुरू किया गया।
गंभीर हालत में मरीज, हाई फ्लो नेज़ल ऑक्सीजन पर रखा गया
फिलहाल मरीज को हाई फ्लो नेज़ल ऑक्सीजन पर रखा गया है और पीडियाट्रिक विभाग में वेंटिलेटर की व्यवस्था भी की गई है। डॉक्टरों की टीम, जिसमें प्रमुख रूप से डॉ. सुनंदा झा शामिल हैं, मरीज के इलाज में जुटी हुई है।
महाराष्ट्र से लौटी थी मरीज, ट्रैवल हिस्ट्री पर नजर
बताया जा रहा है कि मरीज हाल ही में महाराष्ट्र की यात्रा कर लौटी थी। मुंबई में रहने के दौरान ही उसकी तबीयत बिगड़ी थी, जिसके बाद उसे वहां भी इलाज कराना पड़ा था। विशेषज्ञ इस पहलू की भी जांच कर रहे हैं कि मरीज को जीबीएस कहीं बाहर से तो नहीं हुआ।
झारखंड में GBS के बढ़ते मामले चिंता का विषय
इससे पहले रांची के बालपन अस्पताल में भी GBS का एक मामला सामने आया था, जहां मरीज का इलाज अब भी जारी है। झारखंड में GBS के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञ इस बीमारी के फैलाव और कारणों की जांच में जुटे हैं।
स्वास्थ्य विभाग अब इस बीमारी पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। झारखंड सरकार और अस्पताल प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि GBS के मरीजों को उचित इलाज और सहायता मिलेगी।
https://indiafirst.news/ranchi-increasing-cases-of-guillain-barre-syndrome
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