नई दिल्ली, 20 फरवरी – दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रत्याशी को करीब 30,000 वोटों से हराने वाली रेखा गुप्ता पहली बार विधायक बनी हैं और अब वह दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रही हैं।
रेखा गुप्ता की इस अप्रत्याशित पदोन्नति ने कई राजनीतिक विश्लेषकों को हैरान कर दिया, क्योंकि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कई अन्य दिग्गज नेता भी शामिल थे। लेकिन बीजेपी के सभी 48 नवनिर्वाचित विधायकों ने सर्वसम्मति से रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगाई, जिसे प्रवेश वर्मा, विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय ने प्रस्तावित किया। इस फैसले के बाद दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो गया है।
टी-20 सुपरओवर जैसा रोमांचक रहा फैसला
दिल्ली में मुख्यमंत्री चयन की प्रक्रिया किसी क्रिकेट मैच के सुपरओवर की तरह रोमांचक रही। अंतिम क्षण तक यह साफ नहीं था कि बीजेपी किसे दिल्ली की सत्ता की कमान सौंपेगी। केंद्रीय पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़ की मौजूदगी में बुधवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक आयोजित की गई, जिसमें रेखा गुप्ता का नाम सर्वसम्मति से तय किया गया। सबसे दिलचस्प पहलू यह था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा ने ही मुख्यमंत्री पद के लिए रेखा गुप्ता के नाम का प्रस्ताव रखा।
बैठक के बाद रेखा गुप्ता और बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। अब वह और उनके कैबिनेट मंत्री गुरुवार को रामलीला मैदान में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों और अन्य बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित करीब 50,000 लोग शामिल होंगे। सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस के 25,000 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है।
दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री
रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री होंगी। उनसे पहले शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और आतिशी यह पद संभाल चुकी हैं। मौजूदा समय में वह ममता बनर्जी के साथ देश की दूसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी और बीजेपी शासित राज्यों में एकमात्र महिला मुख्यमंत्री होंगी।
राजनीतिक सफर: विद्यार्थी परिषद से मुख्यमंत्री तक
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प और संघर्षों से भरा रहा है। उनका जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। उनके पिता जय भगवान जिंदल एसबीआई बैंक में कार्यरत थे, जिसके चलते उनका परिवार 1976 में दिल्ली आकर बस गया। राजनीति में उनकी रुचि कॉलेज के दिनों से ही रही।
1992 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। 1995-96 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की महासचिव बनीं और 1996-97 में अध्यक्ष का पद संभाला। इसके बाद 2002 में उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली और युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव बनीं।
तीन बार पार्षद का अनुभव
रेखा गुप्ता 2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया, जिनमें सुमेधा योजना प्रमुख रही। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए सहायता प्रदान की गई।
इसके बाद वह 2012 और 2022 में भी पार्षद बनीं। नगर निगम में महिला कल्याण और बाल विकास समिति की प्रमुख के रूप में उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया।
विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने शालीमार बाग सीट से आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी बंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया। यह जीत बीजेपी के लिए बेहद अहम थी, क्योंकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की मजबूत पकड़ थी।
इस जीत के बाद से ही उनका नाम मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सबसे आगे चल रहा था। बीजेपी नेतृत्व ने उनकी कड़ी मेहनत, पार्टी के प्रति समर्पण और मजबूत संगठनात्मक पकड़ को देखते हुए उन्हें दिल्ली की बागडोर सौंपने का फैसला किया।
रेखा गुप्ता की प्राथमिकताएं
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले रेखा गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेतृत्व का आभार जताया। उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली के हर नागरिक के कल्याण, सशक्तिकरण और समग्र विकास के लिए पूरी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ काम करूंगी।”
उनकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं:
- महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण
- दिल्ली में मूलभूत सुविधाओं का विकास
- ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या का समाधान
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारना
- जल संकट और यमुना सफाई अभियान को बढ़ावा देना
बीजेपी के लिए क्या मायने रखती है यह जीत?
दिल्ली में लंबे समय से सत्ता से बाहर रही बीजेपी के लिए यह जीत बेहद खास है। पार्टी ने पिछले कुछ चुनावों में आम आदमी पार्टी के मजबूत किले को भेदने में असफलता देखी थी, लेकिन इस बार उसे बड़ी सफलता मिली।
रेखा गुप्ता का मुख्यमंत्री बनना इस बात का संकेत है कि बीजेपी नए चेहरों को मौका देकर दिल्ली की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। उनका आरएसएस से गहरा नाता भी बीजेपी के कोर वोट बैंक को और मजबूत करेगा।
क्या होगा उपमुख्यमंत्री का पद?
अब तक बीजेपी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद होगा या नहीं। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में सभी समुदायों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी दिल्ली के लिए किस तरह की रणनीति अपनाती है और उसकी नीतियां आम जनता पर क्या प्रभाव डालती हैं।
रामलीला मैदान में ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह
गुरुवार को रामलीला मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को बीजेपी भव्य बनाने की तैयारी में है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे।
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