नई दिल्ली: दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है और शालीमार बाग से पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज कर बहुमत हासिल किया, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) 22 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस इस चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी।
रेखा गुप्ता का सफर: संघ से मुख्यमंत्री तक
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर काफी लंबा और संघर्षपूर्ण रहा है। उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से बचपन से ही रहा है। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के माध्यम से छात्र राजनीति में कदम रखा। 1994-95 में वह दौलत राम कॉलेज की सचिव बनीं, फिर 1995-96 में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (DUSU) की सचिव और 1996-97 में अध्यक्ष बनीं।
बीजेपी में उनका करियर 2003-04 में युवा मोर्चा की दिल्ली सचिव बनने के साथ शुरू हुआ। 2004-06 में वह युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव बनीं। 2007 में उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से पार्षद चुनी गईं और 2007-09 तक महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की अध्यक्ष रहीं। मार्च 2010 में उन्हें बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया। वर्तमान में वह बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
तीसरी कोशिश में मिली जीत
रेखा गुप्ता 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से हार गई थीं। 2015 में आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी ने उन्हें लगभग 11,000 वोटों से हराया था, जबकि 2020 में उन्हें 3,440 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इस बार उन्होंने 29,595 वोटों के बड़े अंतर से वंदना कुमारी को मात दी और पहली बार विधायक बनीं। उनकी इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही बीजेपी ने दिल्ली में दो दशक से अधिक समय बाद सरकार बनाई है।
रेखा गुप्ता की संपत्ति और पारिवारिक पृष्ठभूमि
जहां तक उनकी संपत्ति का सवाल है, रेखा गुप्ता करोड़ों की मालकिन हैं। चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति 5.31 करोड़ रुपये है, हालांकि उन पर 1.20 करोड़ रुपये का कर्ज भी है। उनकी सालाना कमाई में उतार-चढ़ाव रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में उन्होंने 6.92 लाख रुपये, 2022-23 में 4.87 लाख रुपये और 2021-22 में 6.51 लाख रुपये की कमाई की। उनके पति मनीष गुप्ता की आमदनी काफी अधिक है। मनीष गुप्ता ने 2023-24 में 97.33 लाख रुपये कमाए।
रेखा गुप्ता मूल रूप से हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता जयभगवान की नौकरी दिल्ली में लगने के बाद उनका पूरा परिवार राजधानी में बस गया। उन्होंने दिल्ली में ही स्कूली शिक्षा प्राप्त की और स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 1998 में उनकी शादी मनीष गुप्ता से हुई, जो स्पेयर पार्ट्स के कारोबार से जुड़े हुए हैं।
बीजेपी के लिए बड़ी जीत

दिल्ली में बीजेपी की सत्ता में वापसी ऐतिहासिक मानी जा रही है। पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किया और आम आदमी पार्टी के खिलाफ बड़े स्तर पर प्रचार अभियान चलाया। रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाए जाने से पार्टी में नई ऊर्जा आई है। वह लंबे समय से संगठन में सक्रिय रही हैं और महिला मोर्चा में अहम भूमिका निभाती रही हैं।
नई मुख्यमंत्री के सामने चुनौतियां
रेखा गुप्ता के सामने बतौर मुख्यमंत्री कई चुनौतियां हैं। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण, जल संकट, ट्रैफिक की समस्या, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार जैसे मुद्दों से निपटना उनके लिए प्राथमिकता होगी। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी के मजबूत विरोध के बीच जनता के विश्वास को बनाए रखना भी उनके लिए एक अहम जिम्मेदारी होगी।
रेखा गुप्ता की जीत और बीजेपी की सत्ता में वापसी दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ है। अब देखना होगा कि वह अपने कार्यकाल में दिल्ली के विकास के लिए क्या कदम उठाती हैं और जनता की उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती हैं।
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