नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने आज संसद में विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों, संपादकों, शोधकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDPA) को लेकर गहरी चिंता जताई गई, खासकर इसके सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर।
बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि इस कानून की आड़ में सरकार गोपनीयता की सुरक्षा के नाम पर जनता की सूचना तक पहुंच सीमित कर रही है, जिससे लोकतांत्रिक जवाबदेही कमजोर होगी। पत्रकारों और नागरिकों के लिए सरकार से जानकारी प्राप्त करना कठिन हो जाएगा, जिससे सत्ता पक्ष की नीतियों की पारदर्शिता पर असर पड़ेगा।
राहुल गांधी ने इस कानून को सरकार द्वारा स्वयं को जन निगरानी से बचाने की कोशिश करार दिया। उन्होंने कहा कि NDA सरकार RTI के दायरे को सीमित कर पारदर्शिता को खत्म करने की ओर बढ़ रही है, जो लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि सरकार जनता के अधिकारों को कमजोर कर एक खतरनाक मिसाल कायम कर रही है।
कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के नेताओं के साथ उठाएगी और पारदर्शिता व जवाबदेही की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
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