मुंबई। भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर तमाम चुनौतियाँ सामने आ रही थीं, खासकर दूर-दराज और पहाड़ी इलाकों में जहां टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। लेकिन अब इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारत सरकार ने Starlink को GMPCS (Global Mobile Personal Communication by Satellite) लाइसेंस दे दिया है, जिसके बाद देश में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सेवा शुरू करने की राह साफ हो गई है। इसके साथ ही Starlink अब भारत में तीसरी ऐसी कंपनी बन गई है जिसे सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने का अधिकार मिला है, और अब कंपनी अपनी सेवाएं जल्द ही लॉन्च कर सकती है।
Starlink के प्लान्स और कनेक्टिविटी का भविष्य
Starlink, जो दुनिया भर के 100 से ज्यादा देशों में अपनी इंटरनेट सेवा दे रही है, भारत में भी एक नई इंटरनेट क्रांति लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी का मुख्य उद्देश्य लो लेटेंसी ब्रॉडबैंड के माध्यम से तेज इंटरनेट सेवा प्रदान करना है, खासकर उन इलाकों में जहां वर्तमान में कनेक्टिविटी की समस्याएं हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा उन ग्रामीण और दूर-दराज क्षेत्रों को मिलेगा, जहां आज भी इंटरनेट का इस्तेमाल एक सपना है।
क्या होंगी Starlink की कीमतें?
भारत में Starlink ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए प्रमोशनल ऑफर के तहत 10 डॉलर (लगभग 840 रुपये) की शुरुआती कीमत में अनलिमिटेड डेटा वाले प्लान्स उपलब्ध कराएगी। हालांकि, सिर्फ सस्ते डेटा प्लान्स से काम नहीं चलेगा, क्योंकि कंपनी को ग्राहकों की ओर से एक बड़ी चुनौती डिवाइस की कीमत को लेकर मिल सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, Starlink की डिवाइस की कीमत हजारों में हो सकती है, जो ग्राहकों के बजट को चुनौती दे सकती है।
क्या यह ऑफर कामयाब होगा?
भारत में प्राइस वॉर की स्थिति में कंपनियां अक्सर एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करती हैं, जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि Starlink की कीमतें और प्रमोशनल ऑफर कितने लोगों को आकर्षित कर पाते हैं और क्या यह उन दूर-दराज क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को सुधारने में सफल होता है या नहीं।
Starlink के साथ प्रतिस्पर्धा: OneWeb और Reliance

Starlink के अलावा, OneWeb और Reliance Jio भी पहले ही सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए लाइसेंस प्राप्त कर चुकी हैं। इस प्रतिस्पर्धा के बीच, Starlink का भारत में आना इंटरनेट सेवा क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाता है। Amazon का Kuiper प्रोजेक्ट भी इसी दिशा में काम कर रहा है, और यह दर्शाता है कि सैटेलाइट इंटरनेट का बाजार जल्द ही आकार ले सकता है।
अंतिम मंजूरी का इंतजार
अब, Starlink के लिए सिर्फ एक अंतिम कदम रह गया है, वह है IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorization Center) से मंजूरी। जैसे ही यह मंजूरी मिलती है, भारत में Starlink की सेवा शुरू हो सकती है। हालांकि, इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा, इसका कोई ठोस अनुमान नहीं है, लेकिन इससे संबंधित सभी संकेत यह बताते हैं कि भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का भविष्य उज्जवल है।
https://indiafirst.news/starlink-receives-license-from-indian-government



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