रांची। झारखंड सरकार ने आजसू प्रमुख सुदेश महतो को आवंटित कांके रोड स्थित वीवीआईपी बंगला नंबर-5 को खाली करने का आदेश जारी किया है, लेकिन बार-बार रिमाइंडर के बावजूद यह बंगला अब तक खाली नहीं हो सका है।
सरकार ने इस बंगले को मुख्यमंत्री का अस्थायी सरकारी आवास सह आवासीय कार्यालय घोषित कर दिया है, क्योंकि मौजूदा मुख्यमंत्री आवास के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जानी है। भवन निर्माण विभाग की ओर से जारी नोटिस और रिमाइंडर की समय-सीमा भी समाप्त हो चुकी है, लेकिन आजसू प्रमुख ने अब तक बंगला खाली करने की पहल नहीं की है।
15 वर्षों से सुदेश महतो के पास बंगला
यह बंगला लगभग 15 वर्षों से सुदेश महतो के पास है। वह विभिन्न सरकारों में मंत्री और उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं, जिसके आधार पर उन्हें यह आवास आवंटित किया गया था। लेकिन 2024 विधानसभा चुनाव में हार के बाद उन्हें यह बंगला खाली करना था।
भवन निर्माण विभाग ने 18 दिसंबर 2024 को पहली नोटिस जारी की थी, जिसके बाद कई रिमाइंडर भेजे गए। आखिरी रिमाइंडर की अवधि 15 मार्च 2025 को समाप्त हो गई, लेकिन बंगला अभी तक खाली नहीं हुआ।
बंगले को लेकर सरकार का रुख सख्त
भवन निर्माण विभाग के अनुसार, यह बंगला अब “मुख्यमंत्री आवास सह आवासीय कार्यालय” के रूप में अधिसूचित किया जा चुका है। राज्य सरकार ने इस बंगले को मुख्यमंत्री का अस्थायी सरकारी आवास बनाने का निर्णय लिया है और पूर्व में किए गए किसी भी आवंटन को रद्द कर दिया गया है।
इस संबंध में आदेश की प्रतिलिपि राज्यपाल, मुख्यमंत्री कार्यालय और अन्य उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है।
बढ़ सकता है सरकारी कार्रवाई का दबाव
सूत्रों के मुताबिक, अगर जल्द ही बंगला खाली नहीं किया गया तो प्रशासनिक स्तर पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे में सुदेश महतो पर इसे खाली करने का दबाव बढ़ गया है। राजनीतिक चुनौतियों से घिरे सुदेश महतो जल्द ही इस पर फैसला ले सकते हैं ताकि सरकारी कार्रवाई की नौबत न आए।
अब देखने वाली बात होगी कि सरकार इस मामले में अगला कदम क्या उठाती है और सुदेश महतो कब तक बंगला खाली करते हैं।
https://indiafirst.news/sudesh-mahto-vs-jharkhand-govt-bungalow-issue
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