नई दिल्ली | अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की मशहूर अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर ने आखिरकार नौ महीने के लंबे अंतरिक्ष प्रवास के बाद 19 मार्च को धरती पर वापसी करेंगी। उनकी यह यात्रा विज्ञान और अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बन गई है।
कैसे होगी घर वापसी?
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को जून 2024 में बोइंग स्टारलाइनर से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजा गया था। हालांकि, इस मिशन को केवल कुछ हफ्तों के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर में तकनीकी खराबी के कारण वे वहां नौ महीने तक फंसे रहे। अंततः नासा ने स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के जरिए उन्हें वापस लाने का निर्णय लिया।
धरती तक की रोमांचक यात्रा
इस ऐतिहासिक वापसी में अंतरिक्ष यात्रियों को सात चरणों को पार करना होगा, जिसमें शामिल है:
- अंतरिक्ष स्टेशन से अलगाव (Undocking): मंगलवार को ड्रैगन कैप्सूल को ISS से अलग किया गया।
- धीमी गति से कक्षा से बाहर निकलना: ड्रैगन कैप्सूल ने धीरे-धीरे पृथ्वी की ओर यात्रा शुरू की।
- गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश: पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने से पहले कई कक्षीय प्रक्रियाएं पूरी की गईं।
- गति नियंत्रण और तापमान संतुलन: पुनः प्रवेश के दौरान अत्यधिक गर्मी और गति को नियंत्रित किया गया।
- वायुमंडल में उतरने की प्रक्रिया: ड्रैगन ने सटीक पथ पर रहकर धीमी गति से उतरना शुरू किया।
- पैराशूट सिस्टम सक्रिय हुआ: अंतिम चरण में पैराशूट खुले और स्पेस कैप्सूल की गति धीमी की गई।
- फ्लोरिडा तट पर सुरक्षित लैंडिंग: भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह यह कैप्सूल सफलतापूर्वक फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में उतरेगा।
नौ महीने के मिशन की चुनौतियाँ
अंतरिक्ष में इतने लंबे समय तक रहना आसान नहीं था। ISS पर रहते हुए सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को सीमित संसाधनों, माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव, और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान वे कई वैज्ञानिक प्रयोगों में भी शामिल रहे।
कौन-कौन थे इस मिशन में शामिल?
इस वापसी मिशन में नासा के क्रू-9 सदस्य भी हैं:
- निक हेग (NASA)
- अलेक्जेंडर गोरबुनोव (Roscosmos, रूस)
- सुनीता विलियम्स (NASA, भारतवंशी)
- बुच विल्मोर (NASA)
अंतरिक्ष विज्ञान में नया अध्याय
यह मिशन अंतरिक्ष अभियानों के लिए कई सबक छोड़ गया। नासा और अन्य एजेंसियां भविष्य में ऐसी तकनीकी दिक्कतों से बचने के लिए अंतरिक्ष यानों के डिज़ाइन और संचालन को और बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही हैं।
सुनीता विलियम्स के लिए भारत में जश्न
भारत में भी सुनीता विलियम्स की वापसी को लेकर उत्साह का माहौल है। भारतीय मूल की इस अंतरिक्ष यात्री की उपलब्धियों को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। वैज्ञानिकों और छात्रों ने उनकी यात्रा को प्रेरणा के रूप में देखा।
अब नासा और स्पेसएक्स इस मिशन के डेटा का विश्लेषण करेंगे, ताकि भविष्य के चंद्रमा और मंगल अभियानों को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सके। साथ ही, विलियम्स और उनकी टीम अपने अनुभवों को साझा करेंगी, जिससे आगामी मिशनों के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।
सुनीता विलियम्स और उनके साथियों की यह वापसी मानव अंतरिक्ष अभियानों के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है। यह मिशन न केवल तकनीकी बाधाओं से निपटने का सबक देता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि विज्ञान और संकल्प की बदौलत हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।
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