नई दिल्ली। 26/11 मुंबई आतंकी हमलों से पहले पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा की उत्तर प्रदेश के हापुड़ यात्रा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का ध्यान अपनी ओर खींचा है। तहव्वुर राणा इस समय एनआईए की कस्टडी में है और उससे हमलों में उसकी भूमिका को लेकर गहन पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, तहव्वुर राणा नवंबर 2008 की शुरुआत में अपनी पत्नी समरोज राणा के साथ हापुड़ आया था। यहां उसकी पत्नी की बहन अपने पति एडवोकेट अकबर अली के साथ रहती हैं। एनआईए को शक है कि इस यात्रा के दौरान राणा ने कुछ संदिग्ध लोगों से मुलाकात की हो सकती है या कोई विशेष संदेश पहुंचाया हो सकता है। हालांकि, जांच अब तक इस बात की पुष्टि नहीं कर सकी है।
हापुड़ में रहने वाले एडवोकेट अकबर अली ने बताया कि तहव्वुर राणा और उसकी पत्नी कुछ ही घंटों के लिए उनके घर आए थे और रात 10 बजे पहुंचने के बाद सुबह ही आगरा के लिए निकल गए थे। अकबर अली ने कहा, “मेरी पत्नी की बहन से राणा की शादी हुई है। साल 1985 में एक बार वो पाकिस्तान भी गए थे मिलने, लेकिन नवंबर 2008 में मेरे घर आने के बाद मेरी उससे कोई मुलाकात नहीं हुई।”
एनआईए ने तहव्वुर राणा की हापुड़ यात्रा को लेकर अकबर अली से भी पूछताछ की थी। अली ने जांच एजेंसी को पूरे मामले की जानकारी दी और बाद में उन्हें क्लीनचिट दे दी गई।
इस बीच, तहव्वुर राणा के भारत में प्रत्यर्पण को लेकर पाकिस्तान सरकार की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब हो रही है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। तहव्वुर राणा अगर जांच में सहयोग करता है और भारत में गवाही देता है, तो आईएसआई के कई राज़ सामने आने की आशंका है। यही कारण है कि पाकिस्तान सरकार राणा से किसी भी तरह का संबंध होने से साफ इनकार कर रही है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा है, “तहव्वुर राणा पाकिस्तान का नागरिक नहीं है। उसकी कनाडाई नागरिकता पहले से स्पष्ट है।” उन्होंने आईएसआई को क्लीनचिट देते हुए यह भी कहा कि इस मामले में पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं है।
उधर, पाकिस्तान के लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर छलक पड़ा है। वे अमेरिका और भारत पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। कुछ यूज़र्स का मानना है कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बदनाम करने की साजिश रच रहा है।
एनआईए की जांच जारी है और तहव्वुर राणा की भूमिका को लेकर हर छोटे-बड़े सुराग की जांच की जा रही है। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि राणा की हापुड़ यात्रा मात्र पारिवारिक थी या इसके पीछे कोई और मकसद छिपा था।
https://indiafirst.news/tahawwur-rana-india-visit-before-26-11-nia-probe
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