नई दिल्ली, दिल्ली सरकार के सत्ता में बदलाव के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 12 कॉलेजों की लंबित समस्याओं के हल होने की उम्मीद शिक्षकों और कर्मचारियों को है। इन कालेजों में लंबे समय से स्थायी नियुक्तियां नहीं हुई हैं, और कई गैर-शिक्षण पद भी खाली पड़े हैं। इसके साथ ही कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार का काम भी रुका हुआ है।
डीयू के एक अधिकारी ने कहा कि पिछली सरकार ने इन कॉलेजों को बंद करने का प्रयास किया था। इसके अलावा, इन कॉलेजों को मरम्मत के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए दी जाने वाली राशि और कर्मचारियों का वेतन, मेडिकल बिल तथा भत्ते तक रोक दिए गए थे। महाराजा अग्रसेन कॉलेज पर लगभग 10 करोड़ रुपये का बकाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में इन कॉलेजों का निर्माण हुआ था। अब 27 साल बाद भाजपा लौटी है, तो कॉलेजों का कायाकल्प भी जल्द होगा। डीयू के 12 कॉलेजों में कुल 984 शिक्षकों के पद खाली हैं और 1512 पदों में से केवल 528 पर ही स्थायी शिक्षक कार्यरत हैं।
यह हैं डीयू के 12 कॉलेज
1. आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज
2. अदिति कॉलेज
3. भगिनी निवेदिता कॉलेज
4. भास्कराचार्य कॉलेज
5. दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज
6. डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज
7. इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज
8. केशव कॉलेज
9. महाराजा अग्रसेन कॉलेज
10. महर्षि वाल्मीकि कॉलेज
11. शहीद राजगुरु कॉलेज
12. शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज
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