एम्सटर्डम,( नीदरलैंड )। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कनाडा को जोरदार का झटका दिया। 01 फरवरी 2025 से कनाडा की वस्तुओं पर 25 प्रतिशत जबकि एनर्जी पर 10 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया। कनाडा से आने वाली सभी वस्तुओं पर 25 प्रतिशत और एनर्जी पर 10 प्रतिशत का टैरिफ देना पड़ेगा। हालांकि शुरुआत में ऑयल को टैरिफ से अलग रखा। लेकिन अचानक एनर्जी पर भी शुल्क लगा दिया। इससे साफ हो जाता है कि ट्रम्प ने ट्रेड वार की शुरुआत कर दिया। चुनाव जीतने के बाद से ही ट्रंप कनाडा समेत मैक्सिको, पनामा, ग्रीनलैंड, यूरोपियन संघ और ब्रिक्स देशों पर काफी तल्ख टिप्पणियां कर रहा है। कई देशों ने उनके बयान को ज्यादा अहमियत देना नहीं समझा। शायद लगा हो कि ट्रंप ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा। उन्होंने अपने भाषणों से लगातार कई देशों पर निशाना साधा। इससे उनकी लोकप्रियता में जबर्दस्त उछाल देखने को मिला। इसी का परिणाम रहा कि ट्रंप अब अमेरिका के राष्ट्रपति के पद पर विराजमान है।
टैरिफ लगने से कनाडा में हड़कंप
कनाडा पर टैरिफ लगने के तुरंत बाद जस्टिन ट्रुडो ने अपने सभी कैबिनेट मंत्रियों के साथ इस विषय पर एक बैठक किया। बैठक में सभी से चर्चा करके निर्णय लिया गया कि अमेरिका को जवाब दिया जाएगा। आगे कहा कि ट्रंप का फैसला कनाडा और अमेरिका दोनों के हित में नहीं है। इससे महंगाई बढ़ने की आशंका जताया गया। यह एक तरह से कनाडा के विरुद्ध व्यापार युद्ध की शुरुआत भर है। इसी बीच जस्टिन ट्रुडो ने कहा कि टैरिफ को लेकरके अध्ययन किया जा रहा है। हम सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं । हमारी ओर से भी जवाबी कार्रवाई किया जाएगा। इसके साथ ही अमेरिका आने वाली चिन्हित वस्तुओं पर 155 बिलियन डॉलर का टैरिफ लगाने का फैसला किया। इसके साथ ही कई अन्य सेक्टरों को भी चिन्हित किया जा रहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर अमेरिका पर और भी टैरिफ लगाने पर विचार किया जा सके। अभी सभी चीजों को बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है। इससे साफ होता है कि कनाडा भी ट्रेड वॉर की ओर अपना कदम बढ़ा दिया है।
कनाडा के व्यापारी वर्ग में भय का माहौल
अमेरिका द्वारा कनाडा पर व्यापार शुल्क लगाने से कारोबारियों में खलबली मचा करके रखा है। इससे उनके बिजनेस पर इसका असर पड़ेगा। कारोबारियों का मानना है कि ट्रेड वार के वजह से, उनके बिजनेस को खासा नुकसान पहुंचेगा। बिजनेस काउंसिल ऑफ कनाडा के अनुसार यह टैरिफ कनाडा के लिए खतरे की घंटी है। इससे हमारे देश में बड़ा संकट आ सकता है। आगे उन्होंने ने कहा कि जितने भी नेता हुए हैं। सभी ने कहीं न कहीं अर्थव्यवस्था को गति देने में चुके हैं। दूरदर्शिता की कमी साफ तौर देखा जा सकता है।
सरकार को समय रहते, इस ओर कदम उठाने की आवश्यकता है। यह हमारे लिए एक सीख है। अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार रहना होगा। व्यापारियों को सहूलियत देने की आवश्यकता है जिससे कि लोगों की नौकरी बची रहे। इसके अलावा देश की डिफेंस को मजबूत करने की जरूरत है। ताकि हम बॉर्डर सुरक्षा को लेकर अन्य देशों पर निर्भर न रह करके स्वयं रक्षा कर सके।
दोनों देशों के बीच का कारोबार
अगर दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध नहीं रुका तो इससे दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। 2023 में दोनों देश के बीच का कारोबार 923 बिलियन डॉलर का रहा। कनाडा के वित्त विभाग के अनुसार 155 बिलियन डॉलर्स का टैरिफ अमेरिका से आने वाली वस्तुओं पर लगाया जा रहा है। अमेरिका में बने वाहन(वाहन के कलपुर्जों), इस्पात और कृषि सामान (फल-सब्जियों) जैसी वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया। कनाडा के वित्त विभाग का मानना है कि इससे दोनों देश प्रभावित होगा। यह कदम ट्रंप के द्वारा शुल्क लगाने के ठीक एक दिन बाद आया। कनाडा की ओर से इसे जवाबी कार्रवाई माना जा रहा है। इसी बीच दोनों देशों के बीच जुबानी जंग भी जारी है, खास करके ट्रंप ओर ट्रुडो के बीच। वहीं कनाडा का मानना है कि वह किसी भी मुद्दे पर खुले मन से बातचीत करने को तैयार है बशर्ते कनाडा की अनदेखी न हो।
कनाडा के अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ना तय
अमेरिका ने कहा कि इससे सबसे ज्यादा नुकसान कनाडा को उठाना पड़ेगा। वहीं कनाडा की ओर दावा किया जा रहा है कि इस ट्रेड वॉर से अमेरिका को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। कोविड के बाद से ही कनाडा और अमेरिका अर्थव्यवस्था ढलान पर है। कनाडा अपने कुल माल निर्यात का 77% संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात करता है। वहीं जीडीपी के हिसाब से 19 प्रतिशत बैठता है। कोविड की वजह से दोनों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। दोनों ही देश अपने-अपने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की भरपूर कोशिश कर रहा है।
इस बीच एक दूसरे पर टैरिफ लगाने का मतलब अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारना है। आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय म्यूचुअल फंड) डाटा के अनुसार २०२५ में अमेरिका की अर्थव्यवस्था ३० ट्रिलियन डॉलर के साथ विश्व का सबसे बड़ा आर्थिक शक्ति होगा है जबकि कनाडा २.३३ ट्रिलियन डॉलर के साथ ९वीं पायदान पर होगा। इससे साफ पता चलता है की इससे कनाडा की अर्थव्यवस्था को सबसे ज्यादा चोंट पहुंचेगा। क्योंकि जिस देश की क्रय शक्ति (परचेजिंग पॉवर) जीतना मजबूत होता है, वहां की अर्थव्यवस्था को उतना ही मजबूत और टिकाऊपन माना जाता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि यूएस जबर्दस्त स्थिति में है। लेकिन इसका प्रभाव ग्लोबल इकॉनमी पर भी दिखाई पड़ेगा।

महंगाई और बेरोजगारी में बढ़ोतरी
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स आंकड़ों के अनुसार यूएस टैरिफ से करीब 150,000 लोगों की नौकरियां ट्रंप के इस फैसले से जा सकती है। साल के अंत आते-आते बेरोजगारी दर 7.9 फीसदी तक बढ़ने की आशंका व्यक्त किया गया है। कई संगठनों ने सरकार चेताया कि ट्रेड वॉर से कनाडा को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस वर्ष महंगाई दर 7.2 फीसदी तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। ऑटो, भारी उद्योग और एनर्जी सेक्टर में कार्य कर रहे लोगों पर इसका असर सबसे ज्यादा पड़ेगा। इससे करीब 500,000 लोगों को अपनी जॉब से हाथ धोना पड़ सकता है। कनाडा की सरकार इस पर मंथन और मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है इसके साथ ही सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया जा रहा है।
कनाडा सरकार विशेष पैकेज देने पर विचार कर सकता है
कनाडा की सरकार एक विशेष पैकेज देने को लेकरके विशेषज्ञों के साथ लगातार मंथन कर रही है। कहा जा रहा है कि कोविड के दौरान दिया गया पैकेज को फिर से लागू कर सकती है। इससे प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को वित्तीय सहायता दे करके इंडस्ट्री को बंद होने से बचाया जा सकता है। कैनेडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अनुसार कनाडा और अमेरिका के बीच प्रतिदिन क्रास बॉर्डर व्यापार 3.6 बिलियन डॉलर्स के वस्तुओं की आयात और निर्यात होता है। कनाडा के 2.3 मिलियन और अमेरिका के 1.3 मिलियन लोगों को इससे रोजगार मिला हुआ है। कहीं न कहीं दोनों देश इससे प्रभावित होंगे लेकिन सबसे ज्यादा असर कनाडा पर पड़ना तय है।
ट्रंप का कनाडा पर टैरिफ लगाने के पीछे का तर्क
आंकड़ों के अनुसार यूएस का कनाडा के साथ 41 बिलियन डॉलर्स का ट्रेड डेफिसिट है जिसे वह कम करना चाहता है। ट्रंप का मानना है कि कनाडा के साथ हमारी 41 बिलियन डॉलर्स का व्यापार घाटा है। व्यापार में संतुलन बनाने के लिए टैरिफ लगाना आवश्यक है। इससे अमेरिका में इंडस्ट्री को दोबारा स्थापित करने में सहायता प्रदान करेगा। जिसके कारण रोजगार के नए साधन खुलेंगे। अमेरिका से छोड़ करके जाने वाले कंपनियों को, अब यहीं पर अपना उद्योग स्थापित करना पड़ेगा। यहीं नहीं ट्रंप ने कहा कि कनाडा ड्रग्स माफियाओं और घुसपेठ को बढ़ावा दे रहा है। गैर-कानूनी तरीके से लोगों को अमेरिका में प्रवेश करवाता है। कनाडा की सरकार अब तक इस पर संज्ञान नहीं लिया है। वहीं कनाडा सरकार इसे सिरे से नकारता है।

ट्रम्प ने फिर अलापा कनाडा का राग, अमेरिका में शामिल होने का दिया ऑफर।
ट्रम्प ने फिर से अपनी पुरानी बात को दोहराया और कनाडा को अमेरिका के 51वें राज्य के तौर पर शामिल होने का प्रस्ताव दिया। आगे कहा कि इससे कनाडा पर टैरिफ लागू नहीं होगा। इसके साथ ही अमेरिका का संरक्षण मिलेगा। कनाडा की रक्षा हमारी मिलिट्री करेगी और इससे दोनों की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा। वहीं धमकी भरे स्वर में कहा कि कनाडा का पलटवार उन पर ही भारी पड़ेगा क्योंकि हमारी द्वारा दी जा रही सब्सिडी की वजह से ही उनके यहां कि ऑटो और एनर्जी सेक्टर को मजबूती मिली हुई है।
कनाडा द्वारा 25 प्रतिशत का टैरिफ अमेरिका पर लगाने से हमें इससे कोई नुकसान नहीं होगा। उनका साफ तौर पर कहा कि हमें कनाडा की ऑटो (ऑटो पार्ट्स), एनर्जी और इस्पात नहीं चाहिए। अमेरिका के पास यह सब पहल से ही मौजूद है। ट्रंप कही न कहीं इस बार अपने पहले के कार्यकाल की तुलना में कनाडा पर काफी आक्रामक रुख अपनाया हुआ है। आन वाले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच काफी गरमाहट देखने को मिल सकता है।

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