एम्सटर्डम,( नीदरलैंड )। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने कनाडा के बाद मैक्सिको पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया। उसके ठीक एक दिन बाद कनाडा और मैक्सिको से टैरिफ को वापस लेने का फैसला किया। वहीं चीन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। व्यापार युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा। इसका लगातार इसका विस्तार होता जा रहा है। इसके चपेट में, एक-एक करके कई देश शामिल होते जा रहे हैं। हालांकि जब ट्रम्प को दोनों देशों से आश्वासन मिला, उसके बाद ही कनाडा और मैक्सिको पर लगने वाला टैरिफ 30 दिनों के लिए रोक लगा दिया।
मैक्सिको पर टैरिफ को रोकने का कारण
ट्रम्प द्वारा मैक्सिको पर टैरिफ रोकने का सबसे बड़ा कारण दोनों देशों के बीच समझौता होना है। रोक सिर्फ 30 दिनों के लिए ही है। अगर ट्रम्प प्रशासन को एक माह के अंदर मैक्सिको द्वारा किए गए वायदों से संतुष्टि नहीं मिली तो, टैरिफ को मैक्सिको पर लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए बकायदा एक टीम कार्य कर रही है। समझौते के अनुसार मैक्सिको को इसका पालन करना है।
अटलांटिक काउंसिल के अनुसार 2024 में मैक्सिको – अमेरिका के बीच वस्तुओं की आयात और निर्यात करीब 800 बिलियन डॉलर्स का रहा। मैक्सिको ने चाइना और कनाडा को भी पीछे छोड़ दिया। अमेरिका का मजबूत व्यापार साझेदार के रूप में उभरा। मैक्सिको ने 420 बिलियन डॉलर्स का निर्यात किया जबकि अमेरिका से 324 बिलियन डॉलर्स का आयात किया।
इससे अमेरिका का व्यापार घाटा मैक्सिको के साथ करीब 100 बिलियन डॉलर्स का हो गया। मैक्सिको मुख्य रूप से अमेरिका को मोटर वाहन, वाहन पुर्ज़े और कंप्यूटर, जबकि अमेरिका मेक्सिको को पेट्रोलियम उत्पाद, मोटर वाहन पुर्ज़े और सेमीकंडक्टर का निर्यात करता है। टैरिफ की वजह से टेस्ला ने मैक्सिको में अपना विनिर्माण कार्य लगाने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
समझौते को ले करके ट्रम्प का बयान
ट्रम्प ने स्पष्ट रूप से चेतावनी भरे स्वर में कहा कि अगर मैक्सिको की सरकार समझौते के अनुरूप कार्य नहीं किया, तो फिर टैरिफ के लिए तैयार रहना चाहिए। समझौते के अनुरूप 10,000 नेशनल ट्रूप गार्ड को तैनात करना, ड्रग्स तस्करी और घुसपैठियों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोकना, फेंटाइल के खिलाफ कारवाई करना इत्यादि शामिल है। ट्रम्प का मानना है कि मैक्सिको के कारण अमेरिका का स्तित्व खतरे में है।
मैक्सिको के राष्ट्रपति का बयान
मैक्सिको के राष्ट्रपति क्लॉडिया शेनबॉम पार्दा ने कहा कि यूएस राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के साथ सभी मुद्दों पर खुल करके बातचीत हुआ। मैने ट्रम्प को भरोसा दिलाया है कि अमेरिका में घुसने की चाह रखने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और जरूरत पड़ने पर कठोर कारवाई की जाएगी। इसके साथ ही फेंटाइल जैसी नशीली दवाओं पर अंकुश लगाने पर सहमति बनी। मैक्सिको की जमीन से अगर किसी तरह की गलत गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। जिससे कि पड़ोसी देश को नुकसान पहुंचे। तो उसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। अपनी ओर से ट्रम्प को हर प्रकार की सहयोग देने का भरोसा दिलाया, उसके बाद ही टैरिफ को एक माह के लिए टाल दिया गया।
कनाडा से टैरिफ अचानक लेने के पीछे की कहानी
दरअसल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने खुद ट्रम्प को फोन लगाया और दोनों के बीच लम्बी बातचीत हुई इसके बाद ही टैरिफ से हाथ पीछे खींचने पर सहमति जताई। ध्यान रखने वाली बात है कि कुछ दिनों पहले ही ट्रम्प द्वारा 25 प्रतिशत की वस्तुओं पर टैरिफ लगाए जाने के, एक दिन बाद तुरंत कनाडा ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर 25 प्रतिशत का टैरिफ अमेरिका पर लगा दिया। इससे ट्रम्प काफी नाराज हो गए। इससे व्यापार युद्ध और भी बढ़ने की आशंका व्यक्त किया गया। इसलिए इसे डैमेज कंट्रोल के तौर पर देखा जा सकता है।
कनाडा के प्रधानमंत्री का बयान
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने कहा कि ट्रम्प के साथ सभी विषयों पर खुल करके बातचीत की। अमेरिका के चिंताओं के अनुरूप हम कदम उठाने को तैयार हैं। अमेरिका के साथ काम करने को तैयार हैं और उनके चिंताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। ताकि कनाडा की वजह से अमेरिका के हित या सुरक्षा खतरे में न पड़े। कनाडा अमेरिका का एक रणनीति साझेदार है इसके अलावा दोनों नाटो के सदस्य भी हैं। कनाडा ने 1.3 बिलियन डॉलर्स की स्वीकृति दी। ताकि सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ किया जा सके।
क्यूबेक के प्रीमियर ने यूएस Liquor पर लगाया प्रतिबंध
क्यूबेक प्रीमियर फ्रांसीओएस लेगॉल्ट ने अमेरिका से आने वाली सभी तरह के ऐल्कोहॉल पर प्रतिबंध लगा दिया । ट्रंप ने जैसे ही एक माह के लिए टैरिफ को टाला, उसके तुरंत बाद क्यूबेक प्रीमियर ने प्रतिबन्ध को हटा दिया। और कहा कि अनिश्चिता बनी हुई है इसलिए जरूरत है कि इस ओर ध्यान दिया जाए। आगे उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका पर अपनी निर्भरता को कम करना होगा। अन्य बाजारों पर हमें ध्यान केंद्रित करना चाहिए वरना इस तरह के टैरिफ लगने से, कनाडा की अर्थव्यवस्था को धक्का लग सकता है।
हमें अपने सैन्य बल पर ज्यादा निवेश और विस्तार के बारे में सोचना चाहिए। अमेरिका पर निर्भरता को कम करना चाहिए, इसी में कनाडा का हित है। बताते चले कि प्रीमियर को कनाडा में किसी प्रांत या क्षेत्र की सरकार का प्रमुख होता है।
कनाडा को लेकरके ट्रम्प का बयान
ट्रम्प ने कहा कि अगर कनाडा अपने समझौते के अनुरूप अडिग नहीं रहा तो मुझे टैरिफ पर पूर्ण विचार करना पड़ सकता है। यह निर्भर जस्टिन ट्रुडो पर करता है कि वह अमेरिका के साथ कैसा सम्बन्ध चाहता है। ट्रम्प ने समझौते का उल्लेख किया। कनाडा 10,000 सरकारी कर्मचारियों को अमेरिका-कनाडा की सीमा पर 24 घंटे तैनाती पर रखना होगा इसमें पुलिस बल, सेना, ड्रग इंस्पेक्टर लोग और अलग से पेट्रोलिंग दल शामिल होंगे। अतिरिक्त सैन्य बल पर 1.3 बिलियन डॉलर्स की निवेश पर सहमति भी जताया है।
इसके साथ ही हेलीकॉप्टर, तकनीकी से लैस सीमा पर सुरक्षा बल की तैनाती और अमेरिका अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करना शामिल है। इन सभी विषयों पर आश्वासन मिलने के बाद ही, टैरिफ को एक माह के लिए रोक लगा दिया। इसमें एक माह के अंदर किसी तरह की प्रगति नहीं दिखा तो मजबूरन मुझे टैरिफ लगाना पड़ेगा।
ट्रम्प का मुख्य मकसद गैर कानूनी तरीके से घुसपैठियों पर अंकुश लगाना, फेंटाइल पर रोक लगना। ड्रग्स तस्करी और माफियाओं को आतंकवादी का दर्जा दिया जाना शामिल है। अमेरिकन लोगों को ड्रग्स का लत लगने के पीछे इन्हीं नशीली दवाईंयां को जिम्मेदार ठहराया गया। इसलिए इन्हें रोकना अमेरिका के हित में है। इसके कारण अमेरिका के युवा पीढ़ी खास करके 18-45 वर्ष के आयु वर्ग बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है।
ओंटारियो के प्रीमियर ने स्टारलिंक के साथ करार तोड़ा
ओंटारियो के प्रीमियर डॉग फोर्ड ने कहा कि अमेरिका ने अपने नजदीकी मित्र कनाडा पर टैरिफ लगा करके ठीक नहीं किया एक्शन का रिएक्शन तो मिलना जायज है। बताया कि ओंटारियो प्रोविंस अमेरिका के कंपनियों पर प्रतिबन्ध लगाता है। गत वर्ष नवंबर 2024 में हुए समझौते के अनुसार स्टारलिंक को 100 मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया।
स्टारलिंक की सेवा से लगभग 15,000 घरों और बिज़नेस को इससे फायदा होता। दूर-सुदूर क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सैटेलाइट के माध्यम से सीधा इंटरनेट की पहुंच स्थापित हो जाता। हालांकि डॉग फोर्ड ने ट्रंप द्वारा टैरिफ रोकने के फैसले का स्वागत किया है। उम्मीद यही जताया कि आगे अमेरिका कनाडा पर किसी तरह का टैरिफ न लगाए। वरना इससे आपसी संबंध बिगड़ सकते हैं।
स्टारलिंक के साथ कॉन्ट्रैक्ट तोड़ने पर एलन मस्क का रिएक्शन
मस्क ने ज्यादा कुछ तो नहीं कहा सिर्फ “ओह वेल” अपने X अकाउंट पर लिख करके पोस्ट किया। स्टारलिंक एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी है जो सैटेलाइट के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने पे इंटरनेट उपलब्ध करवा सकता है। इसके लिए मस्क की कंपनी के बकायदा 7,000 के लगभग सैटेलाइट ऑरबिट में स्थापित किया है ताकि इससे लोगों तक इंटरनेट को पहुंचाया जा सके बिना किसी रुकावट के।
यही नहीं एलन मस्क ट्रम्प सरकार में अहम पद पर होंगे जिनका कार्य प्रशासन की गति को तेज करना और नीतिगत फैसलों पर अपनी राय देना है। इसलिए ट्रम्प अलग से “Department of Government Efficiency” (DOGE) नामक विभाग भी बनाया है। इसका प्रमुख एलन मस्क को बनाया गया है।
इन सबके बीच अमेरिका ने चीन को बनाया टैरिफ का शिकार
ट्रम्प ने चाइना के वस्तुओं पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा करके व्यापार युद्ध का विस्तार देने का काम किया। इसके जवाब में चाइना ने भी अमेरिका के विरुद्ध 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में भी ट्रेड वॉर काफी सुर्खियों में रहा। इससे दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ा। अमेरिका का व्यापार घाटा चीन के साथ बहुत ज्यादा है यह कहें कि साल दर साल बढ़ती चली गई। सोशल मीडिया X पर ट्रम्प ने अपने आप को टैरिफ मैन कहने से भी परहेज नहीं किया।
यूएसटीआर (The Office of the U.S. Trade Representative) अनुसार वर्ष 2022 में अमेरिका और चीन के बीच वस्तुओं की आयात और निर्यात 758 बिलियन डॉलर्स की रही। जबकि निर्यात 195 बिलियन डॉलर्स और आयात 562 बिलियन डॉलर्स की रही। व्यापार घाटा 367 बिलियन डॉलर्स का रहा है।
चीन ने किया पलटवार अमेरिका पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया
ट्रम्प के द्वारा लगाए गए टैरिफ से चाइना ने नाखुशी जाहिर की। इसके साथ ही दोबारा अमेरिका और चीन के साथ ट्रेड वार की शुरुआत हो गई। ट्रंप के निर्णय को चीन के खिलाफ बताया। चीन के अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका को इसका जवाब दिया जाएगा। व्यापार घाटे के बारे में कहा कि इसका ठीकरा चीन पर नहीं मढ़ा जा सकता है। कोई भी देश हमारे यहां व्यापार करने को लेकरके स्वतंत्र है।
उत्पादों पर टैरिफ लगाने से व्यवहार घाटे को कम नहीं किया जा सकता है। बल्कि हमारे बाजार में पहुंच स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए। इसके साथ ही यह भी कहा कि इस तरह की ट्रेड वॉर से बचना चाहिए जिससे कि वैश्विक स्तर पर महंगाई और स्थिरता पैदा हो। इस तरह के निर्णय से द्विपक्षीय संबंधों पर इसका असर पड़ता है।
वर्ल्ड बैंक और ओईसी के अनुसार 2023 में 3.51 ट्रिलियन डॉलर्स का एक्सपोर्ट दुनियाभर के देशों में किया। विश्वभर के कुल निर्यात में चीन की हिस्सेदारी लगभग 14 प्रतिशत है। अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर बना हुआ है। कई रिपोर्ट्स बताते हैं कि आने वाले कुछ वर्षों में चीन अमरिक को निर्यात के मामले में पीछे छोड़ देगा। चीन मुख्य रूप से ब्रॉडकास्टिंग इक्विपमेंट, कंप्यूटर्स, ऑफिस मशीन पार्ट्स, सेमीकंडक्टर डिवाइसेज और कपड़ों इत्यादि को पूरे विश्वभर में निर्यात किया।
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