वर्धा, (महाराष्ट्र)। जिले में स्थित समुद्रपूर तहसील के वायगांव, जहां की हल्दियां देशभर में अपने औषधीय गुणों के कारण काफी प्रसिद्धि मिल रही है, इसके साथ ही यहां कि हल्दी की मांग भी बढ़ती ही जा रही है। इस साल 200 हेक्टेयर में हल्दी कि बुआई की है। फिलहाल बाजार में इसके दाम 28 से 30 हजार रुपए प्रति क्विंटल है।
यहां कि हल्दियां औषधीय गुणों से भरपूर –
वायगांव परिसर में उत्पादित हल्दी तथा अन्य हल्दियों की तुलना में, वायगांव की हल्दियों में औषधीय गुण अधिक पाया जाता है, इसके कारण बाजार में वायगांव की हल्दियों की मांग अधिक है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वायगांव की हल्दियों की मांग होने के बाद भी, अब तक कोई प्रसंस्करण उद्योग यहां स्थापित नहीं हो पाया है।
किसानों का रुख हल्दी के खेती की ओर –
महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा इलाके ऐसे हैं, जहां किसानों की आत्महत्याओं के केस बड़ी संख्या में सामने आते हैं। लेकिन यहां के किसान परंपरागत खेती के अलावा मुख्य तौर पर हल्दी के उत्पादन की ओर आकर्षित हो रहे हैं। वायगांव में उत्पादन होने वाली हल्दी की मांग हेल्थ और फार्मा सेक्टर में बहुत ज्यादा है। दरअसल, यहां की हल्दी में करक्यूमिन कि मात्रा अधिक पाए जाने के कारण, इसका उपयोग होम्योपैथिक दवा का निर्माण करने के किया जाता है।

हल्दी के मूल्य और किस्में –
यहां दो तरह की हल्दी ज्यादा प्रचलित हैं। सलेम और वायगांव की हल्दी, जहां सलेम हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा 2.3 प्रतिशत है। वहीं वायगांव की हल्दी में यह 4.5 प्रतिशत होती है। वायगांव हल्दी का थोंक भाव इस वर्ष 28 हजार रुपए प्रति क्विंटल है।
वायगांव के हल्दी देशभर में प्रसिद्ध –
वायगांव हल्दी को देश भर में प्रसिद्ध करने के लिए भारतीय डाक विभाग ने सन् 2022 में पोस्ट का पैकेट (लिफाफा) तैयार किया और उस पर वायगांव हल्दी की जानकारी छापी थी। लेकिन वायगांव की हल्दी पर प्रक्रिया के लिहाज से अब तक कोई बड़ा उद्योग समुद्रपुर तहसील में नहीं आ सका है।
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Author: चेतन
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