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यूरोप में गहराया ऊर्जा संकट : यूक्रेन ने रूसी गैस आपूर्ति पर लगाया ब्रेक


Ukraine Halts Flow of Natural Gas From Russia to Europe: रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव अब ऊर्जा संकट में बदलता दिख रहा है। यूक्रेन ने यूरोप को रूसी गैस की आपूर्ति रोक दी है, जिससे यूरोप के कई देशों में ठंड के मौसम में ऊर्जा संकट गहराने की आशंका बढ़ गई है। यह कदम रूस-यूक्रेन युद्ध और उससे जुड़े राजनीतिक तनावों का परिणाम है, जो वैश्विक ऊर्जा बाजार को हिला सकता है।

आखिर.. क्या है पुरा मामला ?

यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूस ऊर्जा आपूर्ति का इस्तेमाल एक “राजनीतिक हथियार” के रूप में कर रहा है। जवाब में, कीव ने यूरोप को रूसी गैस की सप्लाई को रोकने का फैसला किया है। यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय यूरोपीय संघ के सहयोगियों को रूसी ऊर्जा पर निर्भरता कम करने की दिशा में प्रेरित करेगा।

यूरोप के लिए क्या होगा इसका असर ?

रूसी गैस यूरोप की कुल गैस आपूर्ति का लगभग 40% हिस्सा बनाती है। इस आपूर्ति के बाधित होने से जर्मनी, फ्रांस, इटली जैसे प्रमुख देश सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। ऊर्जा की कीमतों में तेज़ी से वृद्धि हो सकती है, जिससे औद्योगिक उत्पादन और घरेलू ऊर्जा उपयोग पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि यूरोप के पास कुछ वैकल्पिक विकल्प हैं, जैसे नॉर्वे से गैस आयात बढ़ाना, तरल प्राकृतिक गैस (LNG) के आयात पर ध्यान केंद्रित करना, और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का विस्तार। हालांकि, इनमें से अधिकांश उपायों को लागू करने में समय लगेगा।

तुग्लकी फैसले से कई देशों के लिए सर्दियों में संकट बढ़ सकता है

यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब यूरोप कड़ाके की ठंड से जूझ रहा है। कई देशों में गैस हीटिंग का प्रमुख स्रोत है, और इसकी कमी से लाखों लोगों की जिंदगी पर असर पड़ सकता है। ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति और आर्थिक मंदी की स्थिति और बिगड़ सकती है।

यूरोप की प्रतिक्रिया

यूरोपीय संघ ने यूक्रेन और रूस दोनों से संयम बरतने की अपील की है। यूरोपीय संघ के ऊर्जा आयुक्त ने कहा, “हम इस स्थिति को हल करने के लिए कूटनीतिक प्रयास जारी रखेंगे। यह सिर्फ ऊर्जा की बात नहीं है, बल्कि यह यूरोप की स्थिरता और सुरक्षा का सवाल भी है।”

President of the European Council Antanio Costa Left and Poland Prime Minister Donald Dusk Right

क्या कहता है वैश्विक बाजार ?

यूक्रेन के इस फैसले के तुरंत बाद, वैश्विक ऊर्जा बाजार में हलचल मच गई। प्राकृतिक गैस की कीमतों में 20% तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे एशियाई और अमेरिकी बाजार भी प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि यूरोप वैकल्पिक आपूर्ति के लिए इन बाजारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगा।

फैसले से राजनीतिक तनाव बढ़ा

यूरोपीय संघ और नाटो देशों ने स्थिति को गंभीर बताते हुए आपातकालीन बैठकें बुलाई हैं। वहीं, रूस ने इसे यूक्रेन की साज़िश करार दिया है और यूरोप को संभावित गैस आपूर्ति संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

Photo Credit World Atlas european commission, european union belgium

आगे क्या होगा ?

यूरोपीय नेताओं के लिए यह संकट ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में तेजी से कदम उठाने का संकेत है। नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने और वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों को विकसित करने की योजनाएं तेज़ हो सकती हैं। लेकिन आने वाले हफ्तों में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यूरोप, यूक्रेन, और रूस के बीच यह तनाव कैसे सुलझता है। क्या यह कूटनीतिक बातचीत से हल होगा, या ऊर्जा युद्ध की स्थिति और बिगड़ेगी ?
नज़रें अब इस पर टिकी हैं कि आने वाले समय में यह संकट किस दिशा में बढ़ेगा।

https://indiafirst.news/ukraine-stopped-russian-gas-supply

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