रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया। खासतौर पर हजारीबाग के केरेडारी में एनटीपीसी कोयला परियोजना के डिस्पैच विभाग के डीजीएम कुमार गौरव की हत्या को लेकर भाजपा ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में अपराध बेलगाम हो चुका है और कानून-व्यवस्था नाम की चीज नहीं बची है। उन्होंने सदन में जोर देकर कहा,
“सत्ता पक्ष के लोग कहते हैं- हेमंत है तो हिम्मत है, लेकिन अब लग रहा है कि हेमंत है तो अपराधी हैं!”
भाजपा का विधानसभा में प्रदर्शन, स्थगित करनी पड़ी कार्यवाही
जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, भाजपा विधायकों ने कानून व्यवस्था पर चर्चा कराने की मांग उठाई। उन्होंने स्पीकर के समक्ष पहुंचकर “अपराधियों को संरक्षण देना बंद करो” और “मुख्यमंत्री हाय-हाय” के नारे लगाए। भारी हंगामे के कारण स्पीकर रबींद्रनाथ महतो को सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
इसके चलते प्रश्नकाल बाधित हो गया और न ही अल्पसूचित प्रश्न लिए जा सके, न ही तारांकित।
भाजपा विधायक सीपी सिंह का हमला: DGP को बताया बेशर्म
दोपहर 12:07 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो भाजपा विधायक सीपी सिंह ने डीजीपी की बयानबाजी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा,
“राज्य में लोग असुरक्षित हैं। डीजीपी इतने बेशर्म हैं कि कह रहे हैं कि जेल से हत्या की प्लानिंग हो रही है! अगर ऐसा है, तो पुलिस अपराधियों को रिमांड पर क्यों नहीं लेती?”
झारखंड में बढ़ते अपराध, कोयलांचल में दहशत
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सदन में पिछले दिनों चान्हो के आश्रम में हुई हत्याओं और रांची में कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा पर हमले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोयलांचल के लोग लगातार अपराध से परेशान हैं और सरकार बेपरवाह बनी हुई है।
सरकार पर बढ़ा दबाव, क्या होगा अगला कदम?
भाजपा विधायकों के हंगामे और तीखे आरोपों के बीच अब सवाल यह है कि सरकार इन बढ़ते अपराधों पर क्या कार्रवाई करेगी?
क्या एनटीपीसी के डीजीएम की हत्या के पीछे की साजिश बेनकाब होगी?
या फिर कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष का आक्रोश और तेज होगा?
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